शोध: ग्लोबल वार्मिंग रोकेगा गन्ना

नर्सरी टुडे डेस्क
नई दिल्ली। वर्तमान समय में गन्ने की खेती किसानों के लिए फायदेमंद तो है ही, पर्यावरण के भी अनुकूल है। वर्ष 2022-23 में 1,11,366 करोड़ रुपये की गन्ने की फसल चीनी मिलों और सरकार द्वारा खरीदी गई। इसके साथ सरकार इथेनॉल के लिए भी गन्ने की खेती को बढ़ावा दे रही है। नए शोधों से पता चला है कि गन्ने की खेती ग्लोबल वार्मिंग रोकने में भी सहायक है।

आज ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर हर तरफ चिंता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2015 में पेरिस में आयोजित बैठक में दुनिया भर के देशों ने वैश्विक तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे सीमित करने पर सहमति व्यक्त की थी। ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए जिम्मेदार गैसें कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), नाइट्रस ऑक्साइड, मीथेन, क्लोरो आदि हैं। पिछले दो दशकों में CO2 उत्सर्जन 40 गुना बढ़ा है। गन्ने की फसल CO2 को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है क्योंकि गन्ना एक C-4 पौधा है। गन्ने की पौध को वृद्धि और उत्पादन के लिए प्रकाश संश्लेषण के लिए दूसरी फसलों की तुलना में अधिक तापमान और CO2 की जरूरत होती है। इस प्रक्रिया में ग्रीन हाउस गैस कार्बन डाई आक्साईड और तापमान को कम कर देती है, जिससे वातावरण साफ-सुथरा और उस क्षेत्र में तापमान कम हो जाता है।

उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजंहापुर की वैज्ञानिक अधिकारी डॉ प्रियंका सिंह ने बताया कि अध्ययन में पाया गया है कि C-3 पौधे की तुलना में C-4 पौधे अपना भोजन बनाने के लिए प्रकाश संश्लेषण क्रिया ज्यादा करते हैं। इसके लिए CO2 और तापमान की ज्यादा जरूरत होती है, जो वातारण से दूसरो पौधों तुलना में ज्यादा अवशोषित करते हैं। इससे वातावरण से कार्बन डाई आक्साईड की सफाई होती रहती है और पर्यावरण स्वस्थ रहता है।

डॉ. प्रियका सिंह ने बताया कि भारत में गन्ने की फसल हर साल लगभग 53 लाख हेक्टेयर में बोई जाती है। यह फसल अपने जीवनचक्र के दौरान भारतीय वायुमंडल से 2288.9 लाख टन CO2 अवशोषित करती है, जबकि खेत में गन्ने के प्रकाश श्वसन और प्रसंस्करण के दौरान केवल 206.5 लाख टन CO2 रिलीज होता है। इस प्रकार यह एक ऐसी फसल है जो वातावरण से कार्बन डाइ ऑक्साइड और तापमान को कम करती है। उत्तर प्रदेश में 21 लाख हेक्टेयर में उगी गन्ने की फसल 845.8 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड सोखती है। उत्तर प्रदेश में उगाई जाने वाली फसल गन्ना CO2 अवशोषण में 40.61 प्रतिशत योगदान देती है।