सिवनी के किसान गेंदे की खेती से कर रहे हैं मोटी कमाई
सिवनी: मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के गणेशगंज क्षेत्र के किसान गेंदे की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। इस फूल की मांग न केवल प्रदेश में बल्कि देशभर में बढ़ रही है। किसान अपनी मेहनत और सही तकनीकों का इस्तेमाल कर कम समय में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। किसानों का कहना है कि गेंदे की खेती के लिए सही समय पर बीज की बुवाई और उचित देखभाल बेहद जरूरी है। अफ्रीकी गेंदा और फ्रेंच गेंदा की खेती से नई पद्धतियों के जरिए पैदावार को बढ़ाया जा सकता है।
गेंदा मुख्य रूप से ठंडी जलवायु में बेहतर उगता है, लेकिन इसे सालभर उगाया जा सकता है। फरवरी के पहले सप्ताह और जुलाई के पहले सप्ताह में अफ्रीकी गेंदा लगाने से बेहतरीन उपज मिलती है। किसानों का कहना है कि जुलाई से 15 दिन के अंतराल पर बुवाई करने पर अक्टूबर से अप्रैल तक अच्छी उपज प्राप्त होती है। सितंबर में लगाई गई फसल से सबसे ज्यादा पैदावार होती है।
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गेंदे के लिए 7.0 से 7.6 pH वाली मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। साथ ही, फसल को पर्याप्त धूप की भी आवश्यकता होती है। अफ्रीकी और फ्रेंच गेंदा उगाने के लिए 25-30 टन खाद, 100 किलो नाइट्रोजन, 200 किलो फॉस्फोरस और 200 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर आवश्यक है। संकर किस्मों के लिए खेत की मिट्टी में 250 किलो नाइट्रोजन और 400 किलो फॉस्फोरस पहले से मिलाने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
किसानों के अनुसार गेंदे की खेती सही योजना और देखभाल के साथ की जाए तो यह कम समय में अधिक लाभदायक साबित हो सकती है।