खजूर का बगीचा लगाने को मिल रही सब्सिडी, 10 अगस्त तक करें आवेदन

राजस्थान सरकार खजूर का बगीचा लगाने के लिए किसानों को सब्सिडी दे रही है। इसके लिए अकेले जैसलमेर में 100 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है। किसानों को इसका फायदा उठाने के लिए 10 अगस्त तक आवेदन करना होगा। यहां जानिए पूरी प्रक्रिया…

नर्सरी टुडे डेस्क
नई दिल्ली। राजस्थान जैसे शुष्क प्रदेश में किसानों के लिए खजूर काफी नई और लाभ देने वाली फसल है। पश्चिमी राजस्थान में सैंकड़ों किसान खजूर के बगीचे लगा रहे हैं। ऐसे में सरकार राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राजस्थान उद्यान विभाग किसानों को खजूर के बगीचे लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इसके लिए किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है। बता दें कि साल 2023-24 में टिश्यूकल्चर तकनीक एवं ऑफशूट से उत्पादित खजूर पौधे रोपने के लिए प्रदेश में 17 जिलों का चयन हुआ है।

0.5 से 4 हेक्टेयर तक बगीचा लगाने पर है सब्सिडी
उद्यान विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, किसानों को खजूर के बगीचे लगाने के लिए अकेले जैसलमेर में 100 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है। योजना के तहत किसानों को कम से कम 0.5 हेक्टेयर और अधिकतम 4 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खजूर का बगीचा लगाने पर सब्सिडी दी जाती है। खजूर पौधरोपण के लिए एक हेक्टेयर में 148 मादा पौधे व 8 नर पौधों की जरूरत होती है।

खजूर की मादा किस्मों में बरही, खूनेजी, मेडजूल, खलास, सगई, जामली, खदरावी एवं हलावी शामिल है, वहीं नर किस्मों में अल-इन-सिटी व घनामी शामिल हैं। इन्हीं किस्मों पर ही सरकार अनुदान देती है। किसान खजूर बगीचा ऑफशूट या टिश्यू कल्चर से तैयार पौधों से लगा सकता है। बगीचे में सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम लगाना अनिवार्य है। इसके लिए विभाग की गाइडलाइंस के अनुसार अलग से सब्सिडी किसानों को दी जाएगी।

इतनी मिलेगी सब्सिडी
राजस्थान सरकार द्वारा टिश्यू कल्चर तकनीक से उत्पादित खजूर पौधरोपण पर किसानों को प्रति पौधा 3000 रुपये या प्रति पौधा इकाई लागत का 75 प्रतिशत, जो भी कम हो, की सब्सिडी दी जाती है। ऑफशूट तकनीक से उत्पादित खजूर पौधे रोपण पर किसानों को सब्सिडी मातृ पौधे से अलग होने के तुरंत बाद के ऑफशूट खजूर प्रति पौधा खरीद मूल्य 1000 का 75 प्रतिशत एवं जड़ विकसित होने के बाद प्लास्टिक थैली सहित खजूर पौधे की खरीद मूल्य 1500 रुपये का 75 प्रतिशत दिया जाएगा। बता दें कि खजूर का बगीचा लगाने के लिए इच्छुक किसानों को निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा, वहीं किसानों का रजिस्ट्रेशन ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर होगा।

सब्सिडी के लिए ये दस्तावेज जरूरी
किसानों को फोटो सहित आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज के साथ सब्सिडी के लिए आवेदन करना होगा। इसमें शपथ पत्र, खेत की जमाबंदी, नक्शा ट्रेस, स्थाई सिंचाई स्त्रोत का प्रमाण पत्र, अलग से ड्रिप संयंत्र स्थापित करने का प्रमाण, मिट्टी-पानी की जांच रिपोर्ट, बैंक पासबुक की प्रति, आधार, जनाधार या भामाशाह कार्ड देने होंगे। योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान 10 अगस्त तक आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन पत्र तैयार करके जिला मुख्यालय स्थित उद्यान विभाग के कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।