मधुबनी के किसान फूलों की खेती से संवार रहे हैं अपने बच्चों का भविष्य
नई दिल्ली। बिहार के सीमावर्ती इलाकों में कई पीढ़ियों से माली फूलों की खेती करते आ रहे हैं। आज के दौर में फूलों की खेती करने वाले ये किसान अपनी कड़ी मेहनत व लगन से अपने बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं। फूलों की खेती से बढ़िया कमाई करके ये परिवार न सिर्फ अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं बल्कि अपने बच्चों को मेडिकल व इंजीनयिरंग जैसी उच्च शिक्षा भी दिला पाने में सक्षम हैं।
गौरतलब है कि बिहार के सीमावर्ती इलाके मधुबनी में कई पीढ़ियों से किसान फूलों की खेती करते आ रहे हैं और आज के दौर में ये किसान फूलों की खेती से खासा मुनाफा कमा रहे हैं। इंडो नेपाल बॉर्डर के पास दुर्गापट्टी गांव में फूलों की खेती करने वाले 42 वर्षीय रामानंद उर्फ मंगनू माली ने बताया कि उनका परिवार कई पीढ़ियों से फूलों की खेती कर रहा है। फूलों की खेती के सहारे ही वे अपने चार बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में कामयाब हुए। उनका बड़ा बेटा सुजीत कुमार इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है।
रामानंद बताते हैं कि केवल छह महीने ही फूलों का सीजन होता है। फूलों के सीजन के दौरान व्यापारी खेत पर आते हैं और फूल खरीद कर नेपाल ले जाते हैं। वहां वे व्यापारी जनकपुर धाम व धार्मिक स्थलों में फूल बेचते हैं। सीजन के दौरान हर माह 25 से तीस हजार रुपए की कमाई हो जाती है। जिससे परिवार का भरण पोषण सहित बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च भी निकल आता है। वे अन्य जमीन पर कुछ अनाज भी उगाते हैं जिससे परिवार का भोजन चलता है। बच्चों की अच्छी पढ़ाई लिखाई के लिए परिवार अपने खेतों में जी तोड़ मेहनत करता है।
दुर्गा पट्टी गांव में फूल की खेती करने वाले प्रदीप कुमार शीतल माली, राजकुमार माली, रामविलास माली व रामयाद माली सहित कई लोग पुश्तों से फूलों की खेती से ही अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।