उत्तराखंड के किसानों को पॉलीहाउस लगाने के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी दे रहा है उद्यान विभाग
नई दिल्ली। बागवानों और किसानों को सामान्य खेती से हटकर अन्य प्रकार की खेती करने के लिए उद्यान विभाग लगातार बढ़ावा दे रहा है। इसी श्रृंखला में फूलों की खेती करने के लिए उद्यान विभाग और नाबार्ड किसानों को प्रोत्साहित करने में जुटे हुए हैं। बड़ी संख्या में किसान काशीपुर और जसपुर क्षेत्र में इस खेती से जुड़ रहे हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधर रही है।
जसपुर क्षेत्र में 20 से अधिक पॉली हाउस लगाकर किसान गेंदा, गुलाब आदि फूलों की खेती कर रहे हैं। कई किसान तो इस खेती से 50 हजार रुपये तक भी कमा रहे हैं।
मुख्य उद्यान अधिकारी भावना जोशी ने बताया कि विभाग की ओर से 500 वर्ग मीटर तक 80 फीसदी और इससे अधिक जमीन में पॉली हाउस लगाने पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। विभाग की योजना के तहत फूलों की रोपाई करने पर भी छूट देने का प्रावधान है। कई किसान 50 हजार रुपये तक कमा रहे हैं।
काशीपुर और जसपुर में पचास-पचास पॉलीहाउस का लक्ष्य
काशीपुर के ज्येष्ठ उद्यान निरीक्षक केएस सागर और जसपुर के ज्येष्ठ उद्यान निरीक्षक शंकर सिंह कोहली ने बताया कि क्षेत्र में 50-50 पॉली हाउस लगाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि प्रगतिशील खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग और नाबार्ड लगातार किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
क्या कहते हैं किसान
स्थानीय किसान राजेंद्र सिंह ने बताया कि फूलों की खेती ने समृद्धि के नए रास्ते खोले हैं। जरबेरा और गुलाब के फूलों का ज्यादा प्रयोग शादी या अन्य समारोह में आयोजन स्थलों को सजाने और बुके आदि के लिए किया जाता है। गुलाब की एक कली सामान्य तौर पर आठ से दस रुपये तक बेची जाती है। जरबेरा का फूल औसतन पांच से आठ रुपये तक बिकता है।
एक अन्य किसान राहुल कुमार कहते हैं कि खेतों में जरबेरा, गुलाब सहित कई अन्य प्रजाति के फूलों की खेती हो रही है। इस समय शादियों में काफी डिमांड है। यह मुनाफे का सौदा है और वह अपने अन्य साथियों को भी इस खेती को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।