अनार के बागानों से लहलहा रही है बाड़मेर की धरती
नई दिल्ली। राजस्थान के बाड़मेर और सिवाना में नवाचार के बाद किसानों ने बागवानी में बढ़चढ़ रुचि जताई है। बागवानी खेती से किसानों को खासा भी मुनाफा हो रहा है। इस इलाके में अच्छी पैदावार को देखकर अधिकांश किसानों ने अनार की खेती करना शुरु कर दिया है। जिस कारण अब बाड़मेर की धरती अनार के बागानों से लहलहा रही है। अनार की फसलों में जून-जुलाई माह में स्प्रे के बाद लगे पौधों पर अब फसल तैयार हो गई है। इससे किसान फसलें एकत्रित करने में जुट गए हैं। वहीं किसानों को भाव भी अच्छे मिलने लगे हैं। आस-पास के बड़ी मंडियों के व्यापारी पादरू ,जागसा, बुड़ीवाड़ा, कांखी, कुंडल, इंद्राणा सहित गांवों में डेरा जमाए हुए हैं।
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बंपर पैदावार से किसान हो रहे हैं समृद्ध
फिलहाल राजस्थान के इन इलाकों में 70 से 120 रुपए तक अच्छी किस्म के अनार के भाव पहुंचने से किसानों के चेहरे भी खुशी हैं। अनार की खेती करने के लिए अधिक खर्च आने व उत्पादन में संशय को लेकर कुछ ही किसानों ने रुचि दिखाई, लेकिन एक-दो साल में हुई बंपर पैदावार से किसानों के समृद्ध होने पर धीरे-धीरे और सभी किसानों इसमें रुचि लेने लगे हैं।
मंडियों के व्यापारी सीधे पहुंच रहे हैं किसानों के खेत
आज के दिनों में सिवाना क्षेत्र के हर गांव में अनार की खेती हो रही है। एक बार पौधा लगाने के बाद तीन से चार साल तक उसी पौधे से फलों की पैदावार हो रही है। इससे किसानों को अच्छी आमदनी भी हो रही है। बता दें कि अनार का फल नवंबर के आधा माह व दिसंबर में तैयार फसलों से फल लेने का समय होता है।बड़े-बड़े मंडियों के व्यापारी सीधे किसानों के खेतों तक पहुंच रहे हैं। किसानों को दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। 300 ग्राम वजन से ऊपर के अनार के 100- 120 रुपए प्रति किलो व इससे कम वजन के फल 60-70 रुपए तक बिक रहे हैं।
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