भारत में बागवानी के क्षेत्र में विकास की बहुत संभावनाएं : अर्जुन मुंडा

नई दिल्ली। बागवानी क्षेत्र देश के आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण घटक माना जा रहा है। यह क्षेत्र नए तरीके से अपनी आय बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। भारत में बागवानी उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2022-23 के दौरान 350 मिलियन टन हो गया है। उक्त वक्तव्य केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) में किसानों विद्यार्थियों व वैज्ञानिकों से संवाद के दौरान कहे। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने आईआईएचआर का दौरा किया और वहां किसान सुविधा काउंटर का शुभारंभ भी किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि आईआईएचआर 54 बागवानी फसलों पर काम कर रहा है और उत्तर-पूर्वी राज्यों सहित देशभर के किसानों के लाभ के लिए उष्णकटिबंधीय फलों, सब्जियों व फूलों की फसलों सहित बागवानी फसलों की 300 से अधिक किस्में विकसित की गई हैं तथा संस्थान ने आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भी अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था में बागवानी का योगदान 33 प्रतिशत है जिसे और आगे बढ़ाया जा सकता है, जिसकी काफी संभावनाएं है। श्री मुंडा ने कहा कि हम न केवल घरेलू बाजार में बल्कि दुनिया के बाजारों में और बेहतर ढंग से अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं।

Read More:  बगीचे से निकाले गए व्यर्थ पदार्थों को जलाने की अपेक्षा खाद बनाना बेहतर

अर्जुन मुंडा ने बागवानी उत्पादों के भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण, विपणन के महत्व को समझाया व किसानों को सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उत्पादन का लक्ष्य रखने का अनुरोध किया ताकि उनके उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा कर सकें। मुंडा ने वैज्ञानिकों को अधिक से अधिक किसानों को अपनी प्रयोगशालाओं में लाने और नवीनतम अनुसंधान तकनीकों को उनके साथ साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे किसानों को उत्पादकता, पैदावार व आय को टिकाऊ तरीके से बढ़ाने में मदद मिलेगी। श्री मुंडा ने कहा कि दलहन उत्पादन बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हाल ही में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पोर्टल का शुभारंभ किया है, जिससे किसान बहुत लाभान्वित होंगे, इसी तरह से विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से काम करने व प्रौद्योगिकी के समर्थन की आवश्यकता है। सभी खाद्यान्न में हमारी आत्मनिर्भरता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड से प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान के माध्यम से आदिवासी समुदाय को मौलिक सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उन्हें सुविधाएं प्रदान करने का काम किया जा रहा है।

Read More: पौधे की कम ग्रोथ या कलियों की कमी, इस एक घोल से फूलों से भर जाएगा गुड़हल का पौधा