फ्लावरिंग के समय बेमौसम बारिश से सेब का उत्पादन कम होने की आशंका
नई दिल्ली। सेब के बगीचों में इन दिनों खाद डालने का काम किया जा रहा है। बागवानों को बारिश से काफी राहत मिली है। हालांकि, बागवानों का कहना है कि मौसम का बहुत ज्यादा साथ नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण अच्छी फसल को लेकर चिंता भी होती है। फ्लावरिंग के समय अच्छी धूप खिलना और मौसम का साफ रहना जरूरी है, तभी इस बार सेब की अच्छी फसल हो पाएगी। बागवानी कृषि विशेषज्ञ के अनुसार फ्लावरिंग के समय बेमौसम बारिश और ओले से फसल को बहुत ज्यादा नुकसान होता है।
सेब के पेड़ में खाद डालने, पेस्टिंग का कार्य और नई प्लांटेशन की जा रही है। जब फल आना होता है, तब धूप निकलना बेतहर माना जाता है, तभी सेब की फसल बेहतर होगी। लेकिन यदि उस दौरान बारिश या ओलावृष्टि होती है तो फ्लावरिंग को नुकसान होने से फसल खराब हो सकती है।हलांकि बागवानी विशेषज्ञों ने फरवरी में बारिश और बर्फबारी नहीं होने से सेब की पैदावार कम होने की चिंता जताई थी। उनका कहना था कि सेब के उत्पाद में 20 से 25 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। क्योंकि पेड़ की कमजोर डालें भी टूट गई हैं। पेड़ पर बर्फ जमने और पत्ते झड़ने के कारण कई रोग लगने की आशंका है।