उत्तराखंड़ में फूल की खेती की अपार संभावनाएं, प्रदेश में फूलों की है अच्छी डिमांड
नई दिल्ली। पर्वतीय राज्य उत्तराखंड अब पारंपरिक खेती से अलग हटकर फूल की खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। यहां किसानों को फूल की खेती से बंपर कमाई हो रही है। वर्तमान समय में फूलों की खेती की डिमांड अधिक है।
बता दें कि बाजार में कट फ्लावर से लेकर लूज फ्लावर तक की मार्केट में अच्छी खपत है। जिसके कारण किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़ रहे हैं। इसके पीछे की एक बड़ी वजह जंगली जानवरों का आतंक है, क्योंकि जंगली जानवर किसानों के फसलों को बर्बाद कर रहे हैं, जिससे अब किसान भी पारंपरिक खेती करने से कतरा रहे हैं। ऐसे में अब पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में भी फूल की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां का मौसम भी फूलों की खेती के लिए उपयुक्त है।
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ट्यूलिप, गुलाब और गेंदे की खेती फायदेमंद
उत्तराखंड के गढ़वाल विश्वविद्यालय के बागवानी विभाग के प्रोफेसर डॉ तेजपाल सिंह बिष्ट के अनुसार उत्तराखंड कृषि पर निर्भर रहने वाला प्रदेश है। यहां की मिट्टी उपजाऊ है। इसलिए किसान अगर फूलों की खेती करते हैं तो यह लाभदायक होगा। उत्तराखंड गेंदा, ट्यूलिप, गुलाब, रोजमेरी समेत कई वैरायटी के फूलों की खेती के लिए अच्छा है।
उत्तराखंड़ में फूलों की हैं अच्छी डिमांड
उत्तराखंड को देवभूमि माना जाता है, यहां चार धाम के साथ-साथ कई मंदिर हैं, जहां पूजा के लिए फूलों की जरूरत होती है। इसलिए इस प्रदेश में फूल का डिमांड रहती है। वहीं डेकोरेशन और शादी विवाह में बुके बनाने में कट फ्लावर की जरूरत होती है। इसलिए यहां के किसानों को अपने आसपास ही बाजार मिल जाता है।
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