Farmer Kaliram of Sunabeda plateau of Nuapada district of Odisha has done amazing work in the cultivation of strawberry.

 ओडिशा के इस किसान ने स्ट्रॉबेरी की खेती कर किया कमाल

नई दिल्ली। ओडिशा के नुआपाड़ा जिले का सुनाबेड़ा पठार के किसान कलीराम ने स्ट्रॉबेरी की खेती की खेती में कमाल का काम किया है। कलीराम ने धान-गेंहू की खेती को छोड़कर स्ट्रॉबेरी की खेती की है। इस खेती से यह किसान जमकर मुनाफा कमा रहा है। कलीराम आज से दो साल पहले साधारण तरीके से खेती करते थे। अच्छी कमाई नहीं होने कारण से कलीराम ने स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की। कलीराम की स्ट्रॉबेरी की खेती को देखकर आस-पास के आदिवासी  किसान भी स्ट्रॉबेरी की खेती करने लगे हैं। अब ओडिशा सरकार द्वारा जनजातियों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं।

नुआपाड़ा जिले का सुनाबेड़ा पठार स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए बेहतर माना जाता है। क्योंकि यह इलाका स्ट्रॉबेरी के लिए अच्छा माना गया है। समुद्र तल से 3,000 फुट ऊपर स्थित सुनाबेड़ा पठार में स्ट्रॉबोरी की खेती के लिए सही भौगोलिक विशेषताएं हैं। किसान कलीराम भी इस खेती में आने की वजह  सुनाबेड़ा पठार का स्ट्रॉबेरी की खेती  के लिए बेहतर होना बताते हैं।

कलीराम ने दो एकड़ जमीन लीज में ली और  उसमे स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए लगभग एक लाख रुपये खर्च किए। इसके बाद स्ट्रॉबेरी पक कर तैयार हुई तो पहले ही साल में उन्हें चार लाख रुपये की कमाई हुई। स्ट्रॉबेरी की खेती करने में आम तौर पर खेत तैयार करने से लेकर कटाई तक लगभग चार महीने लगते हैं। किसान अक्टूबर में पौधे लगाते हैं और जनवरी तक वे तैयार हो जाते हैं, और फल देने लगते हैं।

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