पर्यावरण और सामाजिक जागरूकता से जुड़ा अनूठा विवाह समारोह
गाजियाबाद – रईसपुर गांव में हाल ही में एक अनूठा विवाह समारोह संपन्न हुआ, जो न सिर्फ दो लोगों के मिलन का अवसर था, बल्कि समाज और पर्यावरण को जागरूक करने वाली प्रेरणादायक पहल भी थी। इस विवाह को एक सामाजिक महोत्सव के रूप में मनाया गया, जिसमें दिखावे और भव्यता के बजाय सादगी और समाजहित को प्राथमिकता दी गई।
इस विवाह में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल की गई। समारोह में आने वाले अतिथियों को उपहार में पौधे भेंट किए गए, जिससे हर कोई पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी समझ सके। शादी के दौरान आतिशबाजी और प्लास्टिक का पूरी तरह से बहिष्कार किया गया। इसके साथ ही, रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
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इस विवाह में कई सामाजिक योजनाओं की भी शुरुआत की गई, जैसे – गौ सेवा भंडारा, सिलाई स्कूल और स्लम स्कूल का उद्घाटन, गांव गोद लेने की योजना, नशा मुक्ति जागरूकता अभियान और वृक्षारोपण का संकल्प। इन पहलों को देखकर समारोह में आए सभी मेहमानों ने इस विवाह को ‘आदर्श विवाह’ करार दिया।
शादी में भव्यता और दिखावे से बचते हुए सादगी को अपनाया गया। सबसे खास बात यह रही कि दुल्हन की विदाई फूलों से सजी बैलगाड़ी में की गई, जिसने पुराने समय की यादें ताजा कर दीं। इस दृश्य ने लोगों के दिलों को छू लिया और सादगी के महत्व को फिर से उजागर किया।
यह विवाह सिर्फ दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि समाज को नई दिशा देने का एक प्रयास था। यह पहल आने वाले समय में अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगी कि शादी सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक संदेश देने का अवसर भी हो सकती है।