टमाटर की खेती पर यूपी सरकार दे रही 37500 रुपये का अनुदान

यूपी सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत टमाटर की खेती पर मऊ जिले के किसानों को प्रति हेक्टेयर 37,500 रुपये सब्सिडी दे रही है। किसानों का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।

नर्सरी टुडे डेस्क

नई दिल्ली। टमाटर की बढ़ी कीमतों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने मऊ जिले में संकर टमाटर की खेती को बढ़ावा देने का निश्चय किया है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत इस जिले के किसानों को प्रति हेक्टेयर 37500 रुपये अनुदान दिया जाएगा। किसानों का चयन ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर होगा। जिले में संकर टमाटर के लिए शासन की तरफ से 30 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शासन की तरफ से बकायदा इसके लिए धनराशि भी स्वीकृत कर दी गई है।

उद्यान विभाग के पोर्टल पर करें आवेदन
मऊ के जिला उद्यान अधिकारी संदीप गुप्ता ने ‘नर्सरी टुडे’ को बताया कि टमाटर की खेती करने को इच्छुक जिले के किसान उद्यान विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद सर्वे किया जाएगा। इसके बाद ही लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। इच्छुक लाभार्थी विभाग से भी संपर्क कर सकते हैं।

यह लगाएं दस्तावेज
ऑनलाइन आवेदन करते समय खतौनी की नकल, आधारकार्ड की फोटोकापी, बैंक की पासबुक व एक पासपोर्ट साइज फोटो जरूर लगाएं। बिना दस्तावेज के आवेदन आने पर उसे कैंसल कर दिया जाएगा। ध्यान रहे कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत आपको टमाटर की खेती पर लगने वाले खाद और बीज सहित अन्य इनपुट का बिल साथ रखना होगा और इसे विभाग को जमा करना होगा। इसके बाद बिलों का सत्यापन होगा, फिर विभाग द्वारा आपके खाते में सब्सिडी का पैसा भेज दिया जाएगा।

नर्सरी डाल सकते हैं किसान
टमाटर की नर्सरी डालने का समय आ गया है। ऐसे में किसान अभी से खेत की तैयारी कर नर्सरी डाल सकते हैं। बीजों को उगाने के लिए उचित आकार की क्यारियां तैयार कर लें। इसके बाद उन क्यारियों में गोबर की खाद को अच्छे से मिला दें, साथ ही मिट्टी को कार्बोफ्यूरान की उचित मात्रा से उपचारित कर लें। ऐसा करने से पौधों को रोगग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। उपचारित मिट्टी में बीज को अच्छे से मिला दें, उसके बाद तैयार की गईं क्यारियों की उचित समय पर सिंचाई करते रहे। इसके बाद लगभग 25 से 30 दिन के समय में टमाटर के पौधे लगाने के योग्य हो जाते हैं।

टमाटर की देशी किस्में
पूसा शीतल, पूसा-120, पूसा रूबी, पूसा गौरव, अर्का विकास, अर्का सौरभ और सोनाली प्रमुख हैं।

टमाटर की हाइब्रिड किस्में
पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा हाईब्रिड-4, रश्मि और अविनाश-2 प्रमुख हैं।

पछेती झुलसा रोग करता है परेशान
मऊ के जिला उद्यान अधिकारी संदीप गुप्ता ने बताया कि टमाटर के पौधों में पछेती झुलसा रोग बारिश के मौसम में देखने को मिलता है। इस रोग में पत्तियां किनारे की सतह से भूरे व काले रंग की हो जाती है। साथ ही फलों पर भी इसका असर देखने को मिलता है, जिससे फलों पर भी काले व भूरे रंग के धब्बे पड़ने लगते है। इस रोग की रोकथाम के लिए पौधों में मेंकोजेब या रिडोमिल एमजी दवा का छिड़काव सप्ताह में एक बार करना आवश्यक होता है। टमाटर की फसल पौधों को लगाने के 90 दिन के बाद तोड़ने के लिए तैयार हो जाती है।

इन फल, फूल, सब्जियों की खेती पर भी मिलता है अनुदान
यूपी के अन्य जिलों के किसान भी ध्यान दें कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत किसानों को शिमला मिर्च, प्याज, लहसुन, कद्‌दू, तोरई, खीरा, करेला, लौकी, फूलगोभी, पत्तागोभी जैसी सब्जी फसलों की खेती के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। वहीं लीची, अमरूद, पपीता, आम, ड्रेगन फ्रूट की फार्मिंग के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा फूलों की खेती पर भी सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जाता है। इसमें गेंदा, रजनीगंधा, ग्लेडियोलस जैसे फूलों की खेती के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। अगर इसका लाभ पाना चाहते हैं तो अपने जिला के उद्यान विभाग से संपर्क करें।

sosyal medya reklam ajansları en iyi sosyal medya ajansları medya ajansları istanbul reklam ajansları istanbul reklam ajansları reklam şirketleri en iyi reklam ajansları en ünlü reklam ajansları en iyi ajanslar listesi
slot gacor scatter hitam scatter hitam pgslot bewin999