स्कूलों में उगाई जा रही हैं सब्जियां, मिड डे मिले में होता है उपयोग
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में रामपुर कारखाना के प्राथमिक स्कूल में बागवानी लगाई गई है। इस बागवानी में शलजम, ब्रोकली, से लेकर चुकंदर तक उगाया जा रहा है। पढ़ाई के साथ साथ यहां स्कूल के छात्रों को खेती करने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। यहां से सीखने के बाद बच्चे अपने परिवार जनों के साथ फल एवं सब्जियां उगा सकते हैं। स्कूल के प्रधानाध्यापक मोह्मद यासिर की पहल से आज इस स्कूल के छात्र पढ़ाई के साथ-साथ खेती बाड़ी का कार्य भी सीख रहे हैं।
बच्चों को दोपहर के भोजन में दी जाती है सब्जी
स्कूल परिसर में खाली पड़ी जमीन पर मिड डे मिले के लिए सब्जियां उगाने का फैसला किया गया है। इस कार्य में स्कूल के शिक्षक अहमद रजा, अवनीश गुप्ता, शिक्षिका सुनिता देवी का पूरा सहयोग मिल रहा है। सभी शिक्षकों ने पहले मिलकर गोभी, पालक, और बैगन लगाया, धीरे धीरे यहां कई प्रकार की सब्जियों की पैदावार की जाने लगी। बच्चों को चाव से सब्जी खाते देख सभी का हौसला बढ़ गया। इस समय स्कूल में गोभी, बैगन, पालक, आलू, पालक, धनिया मैथी, प्याज इत्यादी की खेती की जा रही है।
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शिक्षकों को मिलता है पूरा सहयोग
स्कूल परिसर में खाली पड़ी जमीन पर शिक्षकों के सहयोग से सब्जियों का उत्पादन हो रहा है। जिसका प्रयोग बच्चों के दोपहर के भोजन में किया जाता है। पढ़ाई के साथ-साथ सभी छात्र खेती करने की जानकारी ले रहें हैं। शिक्षकों ने बताया कि स्कूल से सीखने के बाद बच्चें अपने परिवार को कृषि कार्य में सहयोग करते हैं। सभी बच्चों को आदेश दिया गया है कि अपने-अपने घर के आस-पास खाली पड़े जमीन पर सब्जियों की खेती करें।
रंग-बिरंग पौधे लगाए
देवरिया जिले के रामपुर कारखाना के प्राथमिक स्कुल केवल सब्जियों की खेती के लिए ही फेमस नहीं है, यहां के बागवानी में रंग-बिरंग के पौधे लगाए गए हैं। यहां पर गुलाब, गुड़हर क्रोटोन, गुलदाउदी, गेंदा, डहेलिया, साइकस जैसे पौधें लगाए गए है। स्कूल के प्रधानाध्यापक मोह्मद यासिर ने बताया कि इस बागवानी में किसी प्रकार की रसायनिक खाद का प्रयोग नही किया जाता है। जिसके कारण सब्जियों में पोषक पदार्थ प्रचुर मात्रा में मिलते है। ग्रामीण जैविक खाद देकर सहयोग करते हैं। जितना जैविक खाद लगता है ग्रामीण उपलब्ध करा देते हैं।