Verbena Flower: घर की बगिया में लगाए वर्बेना के फूल
नर्सरी टुडे डेस्क
नई दिल्ली। वर्बेना फूल (Verbena Flower) के बारे में ज़्यादातर लोग नहीं जानते। वर्बेना को वेरवेन (Vervain) या वर्वाइन (verveine) भी कहते हैं। वर्बेना के बारे में बता दें कि इसके फूल गर्मियों के मौसम में खिलते हैं। वर्बेना के फूल आमतौर पर छोटे व पांच पंखुड़ियों से युक्त होते हैं। वर्बेन के फूल कई रंगों में पाए जाते हैं जैसे बैंगनी, गुलाबी, लाल, सफेद और नीले। जाहिर है अगर आप इसे अपने घर के बगीचे में लगाते हैं तो वह इसकी शोभा बढ़ाएगा। साथ ही वाणिज्यिक लैंडस्केपिंग के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है।
वैज्ञानिक नाम: Verbena Officinalis
परिवार: Verbenaceae
पौधे का प्रकार: वार्षिक, बारहमासी
बीज लगाने का समय: मार्च से मई माह के बीच
पौधे का आकार: 9 से 12 इंच लंबा और 12 से 18 इंच चौड़ा
पौध वृद्धि के लिए तापमान: 10 से 35 डिग्री सेल्सियस
मिट्टी: 5.8 से 7.2 PH मान वाली
ब्लूम टाइम: 80 से 100 दिन
फूल का रंग: सफेद, ब्लू, रेड, बैंगनी, पिंक, पर्पल, लैवेंडर, द्वि-रंग
बारहमासी है वर्बेना का फूल
वर्बेना फूल के पौधे के बारे में कहा जाता है कि इस पौधे को पीछे की तरफ बढ़ने या फैलने की आदती है। वर्बेन फूल के पौधे बारहमासी होते हैं। इन फूलों को सजावट के तौर पर जमीन को ढकने के लिए उपयोग किया जाता है। वर्बेना फूल गर्मियों की शुरुआत से लेकर पतझड़ तक खिलते हैं। वर्बेना फूल के पौधे को पनपने के लिए प्रचुर मात्रा में धूप की आवश्यकता होती है। वर्बेना फूल मधुमक्खियों, तितलियों और हमिंगबर्ड जैसे पॉलिनेटर्स के लिए अत्यधिक आकर्षक होते हैं। वर्बेना की कई लोकप्रिय किस्में हैं, जिनमें वर्बेना बोनारिएंसिस, वर्बेना रिगिडा और वर्बेना हाइब्रिड शामिल हैं। हर किस्म के रंग और विशेषताएं भिन्न हो सकती हैं।
वाणिज्यिक लैंडस्केपिंग के लिए इस्तेमाल
वर्बेना फूल के पौधे बगीचों को रंगीन बनाने के लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं। वर्बेना का इस्तेमाल बगीचों और वाणिज्यिक लैंडस्केपिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वर्बेना फूल के पौधे के प्रयोग से बगीचे और चमकदार और आकर्षक बनाया जा सकते हैं। वर्बेना का इस्तेमाल कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों में भी किया जाता है। लोगों मानते हैं कि इसके उपयोग से भोजन को काफी स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। कुछ लोग वर्बेना के फूल को पानी में उबालकर उसे ठंडा करके औषधि के तौर पर करते हैं। लोगों को मानना है कि वर्बेना के फूल में औषधीय गुण होते हैं, इसके उपयोग से तनाव को कम करने और अच्छ नींद लेने में सहायता प्राप्त की जा सकती है। वर्बेना का उपयोग किसी चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
विदेशों में निर्यात होता है वर्बेना का फूल
वैसे तो वर्बेना के पौधे को सभी प्रकार के इलाकों में लगाया जा सकता है। भारत में मुख्यत: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में उगाया जाता है। इस फूल को यहां से विदेशों में भी निर्यात किया जाता है। बड़ी-बड़ी कंपनियां इस फूल के लिए कभी-कभी मुंह मांगी कीमत भी देने को तैयार हैं।
वर्बेना बीज से कैसे उगाएं
सबसे पहले वर्बेना की अच्छी किस्म के बीज चुनें। सीडलिंग ट्रे या छोटे पॉट में पॉटिंग मिक्स भरें। बीज लगाने से पहले सुनिश्चित करें कि पॉटिंग मिक्स या मिट्टी नम हो। अब मिट्टी की सतह पर वर्बेना के बीज फैलाएं तथा खाद या कोकोपीट की ¼ इंच की परत से ढंक दें। बीज लगाने के बाद वाटर कैन की मदद से पानी दें। इसके बाद सीडलिंग ट्रे या पॉट को डार्क प्लेस या अंधेरी जगह पर रखें। वर्बेना के बीज को 16 से 24 डिग्री सेल्सियस के आदर्श तापमान पर अंकुरित होने में 2 से 3 सप्ताह या इससे भी अधिक समय लग सकता है। वर्बेना के दो पौधों के बीच की दूरी 12 से 18 इंच होनी चाहिए। अतः सीड जेर्मिनेशन के बाद जब पौधे 4-6 इंच के हो जायें, आप इन्हें सीडलिंग ट्रे से निकालकर किसी बड़े गमले, पॉट या गार्डन की मिट्टी में ट्रांसप्लांट करें। ट्रांसप्लांटिंग से पहले सीडलिंग हार्डनिंग करना न भूलें।
कीट व रोग
वर्बेना का पौधा सामान्य कीटों जैसे एफिड्स, व्हाइट फ्लाई द्वारा प्रभावित हो सकता है। पौधे पर इन कीटों का प्रभाव कम करने के लिए आप इसकी पत्तियों पर जैविक कीटनाशक साबुन तथा नीम ऑइल का स्प्रे कर सकते हैं। ये पौधे पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew) के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं, यह रोग पौधे में नमी के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण होता है इसलिए यह ध्यान रखें कि पानी देते समय पत्तियों और तनों को गीला न करें।