If you want to produce flowers throughout the year then adopt 'shednet method'

साल भर फूलों का उत्पादन करना चाहते हैं तो अपनाइये ‘शेडनेट पद्धति’

नई दिल्ली/रायपुर। अगर आप फूलों का व्यवसाय करते हैं और उसका साल भर उत्पादन करना चाहते हैं तो शेडनेट पद्धति आप के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसकी वजह यह है कि इस पद्धति में फूल की फसल कीड़े एवं बीमारियों से भी सुरक्षित रहती है। इस मामले में छत्तीसगढ़ के किसानों ने एक मिसाल कायम की है। वे फूलों की खेती के लिए आधुनिक तकनीक शेडनेट, पॉली हाउस, ड्रिप एवं मल्चिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं और भरपूर उत्पादन ले रहे हैं।

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गिरीश देवांगन छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के ग्राम कोलिहापुरी के प्रगतिशील किसान हैं। वह गुलाब, जरबेरा एवं रजनीगंधा की खेती कर रहे हैं और सालाना 10 लाख रुपये तक की कमाई कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि फ्लावर डेकोरेशन के लिए इन फूलों की मार्केट में बहुत अच्छी डिमांड है। वह यहां के फूल स्थानीय स्तर पर बिक्री के साथ ही हैदराबाद, अमरावती, नागपुर, भुवनेश्वर जैसे शहरों में भेज रहे हैं। उन्होंने बताया कि खेतों में शानदार शिरडी गुलाब की प्रजाति लगाई है, वहीं पॉली हाउस में जरबेरा की प्रजाति अंकुर, सिल्वेस्टर, दून, दानाएलन, व्हाइट हाउस एवं फोर्ब्स भी लगाई है।

उन्होंने बताया कि उन्हें राष्ट्रीय बागवानी मिशन अंतर्गत पॉली हाउस निर्माण के लिए 16 लाख 88 हजार रुपये और संरक्षित खेती के लिए 14 लाख रुपये का अनुदान मिला है। इसके साथ ही उन्हें शेडनेट हाउस के लिए 7 लाख 10 हजार रुपये की अनुदान राशि भी मिली है, जहां उन्होंने ड्रिप एवं मल्चिंग विधि से गेंदा लगाया है। उन्होंने बताया कि शेडनेट पद्धति का उपयोग कर रजनीगंधा के फूल लगाए हैं। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत संरक्षित खेती के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जिसके अंतर्गत 710 प्रति वर्गमीटर पर 355 वर्गमीटर में अनुदान का प्रावधान है। किसान अधिकतम 4000 वर्गमीटर में शेडनेट लगा सकते हैं।

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