क्या होता है बोनसाई, जानें इसको बनाने की विधि
नई दिल्ली । महानगरों में लोग अपने बेहतर स्वास्थ्य और प्रदूषण को ध्यान में रखकर घर पर ही पेड़-पौधे उगा रहे हैं। कुछ लोग सजावटी पौधों को लगाकर अपनी गार्डन की शोभा बढ़ाते हैं, तो कुछ लोग कई पौधों का बोनसाई भी लगाते हैं। बोनसाई. जिसकी पैदाइश तो जापान और चीन से है, लेकिन भारत में इसकी ग्राफ्टिंग और गार्डनिंग का क्रेज दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। घर पर बोनसाई रखने से प्रदूषण का असर कम होता है। तो आइए आज आपको बोनसाई लगाने की विधि बताते हैं।
क्या है बोनसाई
बोनसाई किसी भी पेड़ का बेहद छोटा रूप होता है, जिसको एक खास विधि के जरिये ग्राफ्टिंग और देखभाल करके बौने रूप में तैयार किया जाता है। हालांकि पेड़ को बौना रूप लेने में कई साल लग जाते हैं। बोनसाई आम पौधों की नर्सरी में आसानी से मिल जाते हैं। आप भी इसकी व्यावसायिक फार्मिंग करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
कैसे बनायें बोनसाई
बोनसाई को गमले में लगाया जाता है, इसकी ग्राफ्टिंग और देखभाल इस तरीके से की जाती है, जिससे कि ये प्राकृतिक रूप से बौना पेड़ लगे। इसके लिये समय-समय पर इसकी कटाई-छंटाई, पोषण प्रबंधन और सिंचाई करना भी जरूरी है। बेहतर क्वालिटी के बोनसाई बनाने के लिये किसी भी पेड़ का बीज इस्तेमाल करके उसका पौधा उगाना होता है। अनार, आम, बरगद, चीड़, गूलर, पीपल, संतरा, नींबू और बोगनवेलिया के पौधे इसके लिए बेहतर माने जाते हैं।
कैसे तैयार करें अपने पौधे का बोनसाई
एक गमला लें और उसमें पानी की निकासी के लिए छोटा सा छेद बनायें।
मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिये इसमें गोबर की खाद या कंपोस्ट डालें।
अब तने के नीचे से जड़ों को काट लें और गमले में मिट्टी फैलाकर हाथ से दबा दें।
इन जड़ों से सालभर तक पौधा उगने दें और इसकी समय-समय पर देखरेख करते रहें।
दूसरे साल में इस पौधे की कटाई-छंटाई शुरु करके सूखी टहनियां निकाल दें।
बारिश के समय 2-3 बार बोनसाई की ग्राफ्टिंग करें और कलियां फूटने वाले स्थान की छंटाई कर दें।
बोनसाई से स्वस्थ पेड़ बनाने के लिये जड़ों को भी कैंची की मदद से काटते रहें।
दो-तीन साल तक बोनसाई को सहारा देने की जरूरत होती है, बाद में ये मजबूत रूप ले लेता है।