जाड़े का मौसम टमाटर के लिए अनुकूल, पाला से बचाव सबसे बड़ी चुनौती
लखनऊ: उत्तर प्रदेश और बिहार समेत पूरे देश में टमाटर की खेती सर्दी के महीनों में होती है। जाड़े का मौसम उत्तर प्रदेश और बिहार में टमाटर के लिए बेहद अनुकूल है। हालांकि, इस दौरान टमाटर के फसल को पाला से बचाना सबसे बड़ी चुनौती होती है। टमाटर की खेती के लिए 20 से 28 डिग्री सेल्सियस का तापमान आदर्श माना जाता है, और 20-25 डिग्री सेल्सियस के बीच टमाटर में लाल रंग का पिगमेंट विकसित होता है।
टमाटर की उन्नत किस्मों जैसे अर्का सौरभ, अर्का विकास, और ए आर टी एच 4 की खेती से उत्पादन टमाटर का उत्पादन बहुत अधिक होता है। एक हेक्टेयर में खेती के लिए 300 से 400 ग्राम बीज की जरूरत होती है। संकर किस्मों के लिए यह मात्रा 150-200 ग्राम होती है। सितंबर और अक्टूबर के महीने में टमाटर की नर्सरी लगाना अनुकूल है ताकि जाड़े के महीनों में अच्छी फसल मिल सके।
इसे भी पढ़ें: जरबेरा फूलों की खेती से मालामाल हो रहे हैं किसान
नर्सरी तैयार करने से पहले बीजों को फफूंदनाशक से उपचारित करना जरूरी होता है, और 25 से 30 दिनों के पौधे खेतों में रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। टमाटर की खेती में गेंदा के फूल लगाने से कीटों का प्रकोप कम होता है।
टमाटर की उपज 400-500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है, जबकि संकर किस्मों से यह उत्पादन 700-800 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच सकता है। टमाटर में फूल आने के समय पौधों में मिट्टी चढ़ाना एवं सहारा देना आवश्यक होता है।
जब फलों का रंग हल्का लाल होना शुरू हो उस अवस्था मे फलों की तुड़ाई करें तथा फलों की ग्रेडिंग कर कीट व व्याधि ग्रस्त फलों दागी फलों छोटे आकार के फलों को छाँटकर अलग करें।