जरबेरा फूलों की खेती से मालामाल हो रहे हैं किसान

बाराबंकी: फूलों की खेती में अधिक कमाई को देखते हुए किसान अब पारम्परिक खेती को छोड़ कर फ्लोरीकल्चर छेत्र में अधिक ध्यान दे रहे हैं। जरबेरा फूल, अपनी खूबसूरती और रंग-बिरंगे फूलों के लिए विख्यात है, किसान इसकी खेती करके मोटी कमाई कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार जरबेरा की खेती के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी भी देती है, जिससे किसान कम पूंजी लगा कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

बाराबंकी जिले के लक्ष्मणपुर गांव के किसान नीरज पटेल ने फूलों की खेती शुरू की और आज वह पॉलीहाउस तकनीक से जरबेरा की खेती कर हर साल 7 से 8 लाख रुपया कमा रहे हैं। नीरज ने बताया कि उनकी दिलचस्पी खेती में शुरू से रही है। एक दिन उद्यान विभाग के कार्यक्रम में उन्होंने भाग लिया जहाँ  उन्हें जरबेरा की खेती की जानकारी मिली। उन्होंने शुरुआत में एक एकड़ में इसकी खेती की और बाद में पॉलीहाउस भी बनवा लिया।

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पॉलीहाउस के निर्माण में लगभग 70 से 75 लाख रुपए का खर्च आता है, जिसमें 25 हजार पौधे लगाए जाते हैं। उत्पादन दर बहुत अधिक होता है, और एक बार लगाए गए पौधे 6 साल तक चलते हैं। नीरज की खेती ड्रिप तकनीक पर आधारित है, जिससे पानी की की बचत के साथ साथ उत्पादन भी खूब हो रहा है। इसके अलावा, सरकार ने 50% अनुदान के साथ साथ 30 लाख रुपए की सब्सिडी भी दिया है। जरबेरा की खेती ने नीरज के आमदनी को बढ़ने के साथ साथ लोकल लोगों के लिए रोज़गार के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं।

 

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