Tips: नीम की खाद एवं खली से निमेटोड का समाधान

-ग्यारसी लाल बगड़िया (चूरू, राजस्थान)
निमेटोड एक तरह का बहुत सूक्ष्म धागानुमा कीट होता है जो जमीन के अंदर पाया जाता है। निमेटोड कई तरह के होते हैं। ये वर्षों तक मिट्टी के नीचे दबे रह सकते हैं। ये पौधों की जड़ों का रस चूसते हैं। इससे पौधे को भूमि से खाद-पानी या पोषक तत्व पूरी मात्रा में नहीं मिल पाते और पौधे की बढ़वार रुक जाती है। निमेटोड लगने से जड़ों में गांठें बन जाती हैं, जो पौधे के विकास को रोक देता है। विकास रुकने से पौधे के सूखने का खतरा रहता है। इससे होने वाले रोगों में जड़ गांठ रोग, पुटटी रोग, नींबू का सूखा रोग, जड़ गलन रोग, जड़ फफोला रोग आदि प्रमुख हैं।

निमेटोड से प्रभावित होने वाली फसलें
निमेटोड द्वारा प्रभावित होने वाली मुख्य फसलें हैं- गेंहू, टमाटर, मिर्च, बैंगन, भिंडी, परवल, धान इत्यादि। इसके अलावा फलो में अनार, आम, अमरूद नींबू किन्नू अंगूर आदि।

इस रोग को कैसे पहचानें?
अगर आपके पौधे बढ़ न पा रहे हों। पौधे सुखकर मुरझा जा रहे हों या उनकी जड़ों में गांठे पड़ गई हों या फिर उनमें फल और फूल की संख्या बहुत कम हो गई हो तो इसका कारण निमेटोड हो सकता है।

जैविक समाधान
मिट्टी में रसायन छिड़ककर कीड़ों को मारने का प्रयास महंगा ह़ी नहीं, बल्कि निष्प्रभावी भी होता है। निमेटोड और दीमक आदि कीड़ों को प्रभावी रूप से समाप्त करने के लिए नीम खाद का पाउडर बेहद कारगर है। इसके लिए नीम की खली का तेल युक्त होना आवश्यक है। होता ये है कि नीम की खाद या नीम की खली के इस्तेमाल से निमेटोड बनना रुक जाते हैं। नीम की खाद के इस्तेमाल से उपज में 40 प्रतिशत तक की वृद्धि भी होती है। इससे ज्यादा फूल बनते हैं और फलों की संख्या भी बढ़ती है। इसके साथ ही फल ज्यादा स्वादिष्ट, चमकदार, आकार में बड़े एवं ज्यादा वजनदार बनते हैं।

नीम की खली का प्रयोग कैसे करें?
फसलों के लिए: गर्मियों के मौसम में मिट्टी की गहरी जुताई करें तथा 1 हफ्ते के लिए छोड़ दें। बुवाई से पहले नीम की खली 5 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से डालकर फिर से जुताई करें। इसके बाद ही बुवाई करें।
फलो में: अनार,अमरूद, आम,नींबू, किन्नू, अंगूर एवं समस्त प्रकार के पौधों के रोपण के समय एक मीटर गहरा गड्ढा खोदकर नीम की खली एवं सड़े गोबर की खाद या बकरी की मिंगन आदि मिटटी में अच्छी तरह मिला कर पौधरोपण करें। अगर पौधे पहले से लगा रखे हैं तो भी पौधों की उम्र के हिसाब से नीम की खाद संतुलित मात्रा में डालें। 1 से 2 साल तक के पौधे में 1 किलो एवं 3 से 5 साल तक के पौधे में 2 से 3 किलो प्रति पौधे के हिसाब से डाल कर पौधे की जड़ों के पास थाला बना कर मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर पानी दें तथा नीम तेल घुलनशील भी ड्रिप के साथ चलाएं।