पॉलीहाउस खेती का बढ़ता क्रेज, चुनौतियां से भरपूर

लखनऊ: आजकल पॉलीहाउस में खेती का प्रचलन तेजी से फैल  रहा है।  किसान इसकी मदद से सालभर सब्जियों और फलों की फसलें उगा रहे हैं। इतना ही नहीं कई राज्य सरकारें भी इस आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी भी दे रही हैं। हालांकि, पॉलीहाउस में लगातार फसलें उगाने से कई तरह की बीमारयां होने की संभावना बढ़ गयी है। ऐसे में इन बीमारियों का प्रबंधन बेहद जरूरी हो गया है।

पॉलीहाउस का नियंत्रित वातावरण फसलों को बाहरी प्रभाव से बचाता है, लेकिन यह कुछ बीमारियों के लिए अनुकूल परिस्थितियां भी पैदा करता है। प्रभावी प्रबंधन के लिए निवारक उपाय, कृषि प्रथाएं, और रसायनों का विवेकपूर्ण उपयोग आवश्यक है।

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पॉलीहाउस स्थापित करने के लिए ऐसे स्थान चुनें, जहां पहले से रोग फैलने का इतिहास न हो। औजारों और उपकरणों को स्टरलाइज करें। पॉलीहाउस में प्रवेश करने वाले पौधों और सामग्रियों पर संगरोध प्रक्रियाएं लागू करें। फसलों को चक्रित करने से मिट्टी में रोगजनकों का जमाव कम होता है।ड्रिप सिंचाई का उपयोग करें और ऊपरी सिंचाई से बचें। पौधों की नियमित जांच करें। शुरुआती लक्षण मिलने पर तुरंत कार्रवाई करें।

फलों और सब्ज़ियों को सही रखने के लिए उचित  वेंटिलेशन और तापमान बनाए रखें। किसानों को रोग प्रबंधन की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। निरंतर शोध और नई तकनीकों से पॉलीहाउस खेती को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि बीमारियों पर भी काबू पाया जा सकेगा।