सेब की अच्छी पैदावार के लिए परागण पर विशेष ध्यान दें: विशेषज्ञ

रोहड़ू:  हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू छेत्र  के बागवान आज कल नए पौध लगाने और  ग्राफ्टिंग करने में व्यस्त हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सेब की अच्छी पैदावार के लिए केवल पौधे लगाना ही काफी नहीं है, बल्कि बगीचे में सही परागण किस्मों का होना भी जरूरी है। हम सब को पता है कि परागण पौधे के जीवन चक्र की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।

विशेषज्ञों के अनुसार, एक सफल सेब बगीचे के लिए 33 प्रतिशत हिस्से में परागण किस्में लगानी चाहिए। परागण से फलों की गुणवत्ता और उत्पादन में बढ़ोतरी होती है, लेकिन कई बागवान इस महत्वपूर्ण पहलू पर ध्यान नहीं देते। नतीजा यह होता है कि बाद में उन्हें उत्पादन में कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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बगीचे में कम से कम चार से पांच प्रकार की परागण किस्में होनी चाहिए। प्रमुख परागण किस्मों में गोल्डन डिलिशियस, रेड गोल्डन और ग्रेनी स्मिथ शामिल हैं। यदि रॉयल सेब का बगीचा है, तो समरक्वीन और गलोस्टर उपयुक्त परागण किस्में हैं। वहीं, स्पर सेब के बगीचे के लिए स्पार्टन, गोल्डन स्पर और क्रैब सेब सबसे अच्छे विकल्प माने जाते हैं।

बागवानी विशेषज्ञों के अनुसार नए बगीचे की योजना बनाते समय ही परागण किस्मों को शामिल किया जाना चाहिए। इससे सेब की फसल बेहतर होने के साथ साथ बागवानों की आमदनी भी बढ़ेगी। कोई भी बागवान अगर सेब का बगीचा लगाने की सोच रहे है, तो परागण जैसे इम्पोर्टेन्ट पहलू पर उन्हें ख़ास ध्यान देना पडेगा इसे नज़र अंदाज़ करना बहुत बड़ी भूल होगी।