demand of Aloe Vera

एलोवेरा की खेती से बढ़ रही है किसानों की आय, जाने कैसे करे इसकी खेती 

नई दिल्ली। एलोवेरा की बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए किसानों ने अब एलोवेरा की खेती करना शुरु कर दिया है। किसानों के लिए एलोवेरा की खेती मुनाफे का सौदा साबित हो रही है कई सारे रोगों में एलोवेरा का उपयोग किया जा रहा है।

हर्बल उत्पाद व दवाओं में भी इसका प्रचुर मात्रा में उपयोग किया जाता है। आज बाजार में एलोवेरा से बने उत्पादों की मांग काफी बढ़ी हुई है। एलोवेरा फेस वॉश, एलोवेरा क्रीम, एलोवेरा फेस पैक और भी कितने प्रोक्ट्स है जिनकी मार्केट में डिमांड है। इसी कारण आज हर्बल व कास्मेटिक्स उत्पाद व दवाएं बनाने वाली कंपनियां इसे  एलोवेरा काफी खरीदती है।

एलोवेरा क्या है?

घृत कुमारी या एलोवेरा जिसे ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है। एक औषधीय पौधे के रूप में विख्यात है। एलोवेरा का पौधा बिना तने का या बहुत ही छोटे तने का एक गूदेदार और रसीला पौधा होता है जिसकी लम्बाई 60-100 सेंटीमीटर तक होती है। इसका फैलाव नीचे से निकलती शाखाओं द्वारा होता है।

एलोवेरा लगाने का उचित समय

एलोवेरा के पौधे जुलाई-अगस्त में लगाना ठीक रहता है। वैसे इसकी खेती ठंड के दिनों  को छोडक़र पूरे वर्ष की जा सकती है।

एलोवेरा का उपयोग

एलोवेरा का उपयोग आरोग्यी या सुखदायक के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा हर्बल दवाओं में इसका उपयोग किया जाता है। एलोवेरा मधुमेह के इलाज में काफी उपयोगी हो सकता है साथ ही यह मानव रक्त में लिपिड का स्तर काफी घटा देता है। इसके साथ-साथ इसका उपयोग कई सारे रोगों में किया जाता हैं।

बीज की मात्रा

एक एकड़ भूमि के लिए करीब 5000 से 10000 की जरूरत होती है। लेकिन पौध की संख्या भूमि की उर्वरता तथा पौध से पौध की दूरी एवं कतार से कतार की दूरी पर निर्भर करता है।

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एलोवेरा लगाने की विधि

एक मीटर में इसकी दो लाइने लगती है। पुराने पौधे के पास से छोटे पौधे निकालने के बाद पौधे के चारों तरफ जमीन की अच्छी तरह दबा देना चाहिए। खेत में पुराने पौधों से वर्षा ऋतु में कुछ छोटे पौधे निकलने लगते है इनकों जड़ सहित निकालकर खेत में पौधारोपण के लिए काम में लिया जा सकता है।

बाजार में  एलोवेरा की मांग 

एलोवेरा का उपयोग कई सारे रोगों के उपचार में किया जाता है। इसे घृत कुमारी के नाम से भी जाना है। इसका वर्णन आयुर्वेद के अलावा मेडिकल सांइस में मिलता है। इसका प्रयोग कब्ज, मधुमेह , के आलावा कई  चेहरे के लिए क्रिम के निर्माण में भी किया जाता है। जिसके कारण इसकी मांग बाजार में ज्यादा है। किसान अब एलोवेरा की खेती कर बंपर कमाई कर रहे है।