बिना बारिश और बर्फवारी के उत्तराखंड़ के रवांई घाटी में सेब की बागवानी चौपट
नई दिल्ली। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड़ में बर्फ नहीं पड़ने पड़ने से बागवानी नष्ट होने के कगार पर है। जिससे बागवानी करने वाले किसानों को चिंता का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि रवांई घाटी में बारिश और बर्फबारी न होने के कारण पेड़ पौधों को अनेक बीमारियों ने टपेट में ले लिया है।
बारिश न होने का सबसे ज्यादा प्रभाव सेब की फसल पर पड़ी है, क्योंकि इस बार सबसे कम सेब का उत्पादन हुआ है। बता दें कि पुरोला इलाके के सेब बागवान प्रमोद गोयल, राम प्रसाद, कपील जसबीर, विनोद प्रकाश आदी का कहना है कि जनवरी का महिना बित चुका है लेकिन 6 महिने में अबतक ना बारिस हुई ना वर्फबारी।
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बागवानों ने बताया कि सेब को जरुरत के अनुसार ठंड का मौसम नहीं मिला अब बर्फबारी का आसार भी नहीं नजर नहीं आ रहा है। अगर इसी तरह का मौसम बना रहा है तो सेब उत्पादन में भारी कमी आ जाएगी।
बागवानों ने कहा कि मौसम के मार के कारण न केवल सेब पर ही नहीं इलाके के नासपाती, पुलम के साथ-साथ कई सारे फसलों की उतपादन में कमी आई है। बारिश न होने के कारण जमीन को नमी नहीं मिल पात है जिसके वजह से सेब को प्रयाप्त जलवायु नहीं मिल पाती है। बता दें कि धड़ोरी, कारड़ा, चपटारी,खलाड़ी, कुलोमा, आदी क्षेत्रों में सेब की खेती की जाती है।