Chamomile Flower cultivation: बुंदेलखंड के हमीरपुर के किसान कैमोमाइल फूल की खेत से कर रहे हैं बंपर कमाई

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में किसान कैमोमाइल के फूलों की खेती से बंपर कपाई कर रहे हैं। बंपर कमाई को देखते क्षेत्र के अन्य किसानों का रुझान इस ओर बढ़ता जा रहा है। कैमोमाइल फूलों का प्रयोग आयुर्वेदिक और होम्योपैथी दवाइयां बनाने में किया जाता है जिस कारण प्राइवेट कंपनियों में इन फूलों की अत्याधिक डिमांड है।

गौरतलब है कि कैमोमाइल निकोटिन रहित होता है। इस फूल का उपयोग पेट से जुड़ी बीमारियों में किया जता है। साथ ही इन फूलों का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने में किया जाता है। स्थानीय किसानों का कहना है कि इन फूलों की मांग आयुर्वेद कम्पनी में ज्यादा है। ऐसे में बहुत से लोग इस फूलों की खेती करने लगे हैं।

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मजे की बात यह है कि बंजर जमीन पर भी इस फूल की बंपर पैदावार होती है। इन फूलों की खेती से किसान अपनी आर्थिक सेहत दुरुस्त कर सकते हैं। एक एकड़ जमीन में 5 क्विंटल कैमोमाइल फूल उग आते हैं। वहीं एक हेक्टेयर में करीब 12 क्विंटल तक फूलों की पैदावार हो जाती है। इसकी लागत करीब 10,000-12,000 रुपये आती है। लागत से इसमें 5-6 गुना मुनाफा हासिल कर सकते हैं। इसकी फसल 6 महीने में तैयार हो जाती है। यानी 6 महीने में किसान लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। कुछ सालों तक इन फूलों की खेती करने से जल्द ही करोड़पति बन सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि इन फूलों को सुखाकर इसकी चाय भी बनाकर पी जाती है। इसकी चाय से अल्सर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। वहीं स्किन रोगों में भी कैमोमाइल काफी फायदेमंद है। यह जलन, अनिद्रा, घबराहट और चिड़चिड़ापन के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके फूल का उपयोग मोच, घाव, चोट, रैसेज और पेट की बीमारियों को दूर करने में किया जाता है।

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