Collard greens: जुलाई में करें पौष्टिक पत्तेदार हरी सब्जी की खेती

नर्सरी टुडे डेस्क
नई दिल्ली। कोलार्ड साग (Collard greens) एक पौष्टिक पत्तेदार हरी सब्जी है, जिसे विभिन्न प्रकार की जलवायु में उगाया जा सकता है। इसका संबंध पत्ता गोभी परिवार से है। व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए इस सब्जी को काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। यह सब्जी विशेषतौर पर भारत के कश्मीर में उगाई जाती है, जहां पर इसे हाक (haak) के नाम से जाना जाता है। यह साग खास तौर पर बरसात के मौसम या ठंडे मौसम में पनपता है यानि इसे जुलाई में उगाया जा सकता है। ध्यान रहे कि कोलार्ड साग के पौधे ज्यादा तापमान को सहन नहीं कर पाते हैं।

कैसे उगायें?
कोलार्ड साग की खेती के लिए 6 से 6.8 पीएच वाली मिट्टी में उपयुक्त है। इस साग को बीज या प्रत्यारोपण विधि दोनों से उगाया जा सकता है। अगर बीज से शुरुआत करें, तो ठंड से लगभग 8 से 10 सप्ताह पहले इसे बगीचे या खेत में बो दें। बीजों को लगभग आधा इंच गहरा और 12 से 18 इंच की दूरी पर रोपें। ध्यान रहे कि कोलार्ड साग को उगाने के लिए पर्याप्त जगह की आवश्यकता होती है इसलिए जब अंकुर कुछ इंच लंबे हों तो उन्हें लगभग 12 से 18 इंच की दूरी पर पतला कर दें।

कैसे करें देखभाल?
मिट्टी को लगातार नम रखें लेकिन जलभराव न होने दें। पौधों के चारों ओर मल्चिंग करने से नमी बनाए रखने और खरपतवार की वृद्धि को रोकने में मदद मिल सकती है। इस साग को नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है, वहीं इनमें कीड़े लगने का खतरा कम रहता है।

कब करें कटाई?
कोलार्ड साग की कटाई तब करें, जब पत्तियां बड़ी और गहरे हरे रंग की हों। यह साग खेतों में बीज बोने के बाद लगभग 5 से 6 हफ्तों में तैयार हो जाता है। कोलार्ड साग को ताजा उपयोग करना सबसे अच्छा होता है। हालांकि इन्हें थोड़े समय के लिए स्टॉक किया जा सकता है। इसके लिए पत्तियों को नियमित रूप से अच्छी तरह से धोना पड़ता है। इन्हें लगभग एक सप्ताह तक ताजा रखा जा सकता है।

कहां किया जाता है उत्पादन?
अपने देश में कोलार्ड साग का उत्पादन दक्षिण भारतीय राज्यों में ज्यादा होता है, जहां मौसम ठंडा होता है। इस साग को कश्मीर में भी बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। इसके अलावा केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के किसान भी विशेष रूप से इस साग की खेती करते हैं।
फिलहाल बाजार में इस साग की काफी मांग होती है। इसे औषधीय प्रयोग में भी लाया जाता है। अगर इस साग की कीमत के बारे में बात करें तो इसका एक गुच्छा लगभग 100 रुपये में बिकता है। इससे आप यह स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि इसकी खेती से मात्र दो महीने में कितनी कमाई कर सकते हैं।