हिमाचल को मिला 100.42 करोड़ रुपये से तैयार फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट, CM सुक्खू ने किया लोकार्पण
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के बागवानी की खेती भारत ही नहीं विदेशों में भी विख्यात है। हिमाचल प्रदेश अब फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट का लंबे समय से इंतजार कर रहा था। वह प्लांट आज बागवानों को मिल गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के ठियोग के पराला में 100.42 करोड़ रुपये की लागत से बने अत्याधुनिक फल विधायन संयंत्र यानी फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट का लोकार्पण किया। इस प्लांट में वाइन विनेगर और जूस तैयार किया जाएगा इससे क्षेत्र के बागवानों को अपने उत्पाद के उचित दाम मिलेंगे। इनसे बनने वाले उत्पाद तैयार करने में भी तेजी आएगी। यह प्लांट इस क्षेत्र के विकास में बढ़ावा देगा।
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सेब के समर्थन मूल्य में 1.50 रुपये की वृद्धि
इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस साल बरसात में भारी बारिश से आई आपदा के कहर से फसल नष्ट्र हो गई थी। सेब क्षेत्र में लिंक रोड को भी इस आपदा से नुकसान पहुंचा हैं, उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इन सड़कों को प्रथमिकता के आधार पर बहाल किया, ताकि बागवानों के उत्पाद को मंडियों तक समय पर पहुंचाया जा सके। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस साल सेब के समर्थन मुल्य 1.50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है और इसे 12 रुपये प्रति किलो किया गया।
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बागवानी उत्पाद दुबई के निवेशकों को करेंगे आकर्षित
हाल ही के दुबई दौरे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने निवेशकों से हिमाचल के बागवानी उत्पादों की मार्केटिंग की संभावनाएं तलाशने की भी अपील की है। अगले साल जनवरी महीने में निवेशक हिमाचल प्रदेश आ रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बागवानों को व्यापारियों के शोषण से बचाने के लिए कई कदम उठा रही है, ताकि बागवानी लगाने वाले किसानों को फायदा मिल सके।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने कहा कि आपदा प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के सरकार ने 4 हजार 500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया है। इस आपदा से प्रभावित परिवारों को सरकार की ओर से घर बनाने के लिए धनराशि प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में आगे कहा कि कांग्रेस सरकार ने आपदा से 48 घंटे के भीतर ही अस्थायी तौर पर पानी, बिजली आदि की सुविधाएं प्रदेश भर में बहाल की. इस आपदा में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया।
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