किसानों को स्थानीय बोली में मिलेगी कृषि-बागवानी और प्राकृतिक खेती की जानकारी
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश सरकार किसानों को कृषि-बागवानी विषय और प्राकृतिक खेती करने की जानकारी अब स्थानीय भाषा में देगी। बता दें कि भारत सरकार की ओर से एक एप लॉन्च किया गया है। इस ऐप के बारे में प्रदेश के किसानों को जानकारी दी जाएगी। प्रदेश के किसानों को कृषि-बागवानी और प्राकृतिक खेती की जानकारी स्थानीय बोली में मिले , इसके लिए ‘आतमा’ परियोजना के तहत खंड स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
स्थानीय भाषा में मिलेगा उत्तर
आने वाले दिनों में हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में स्थानीय बोली में जानकारी देने की योजना अंतिम चरण में है। कृषि विभाग की ओर से 12 फरवरी को ही किसानों के वायस सैंपल लेने के लिए पत्र जारी किया गया था। प्रत्येक खंड में करीब 100 विशेषज्ञ किसानों के वायस सैंपल लिए जाएंगे, जिन्हें केंद्र को भेजा जाएगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इसके माध्यम से हिंदी, अंग्रेजी के अलावा स्थानीय बोली में भी किसानों को प्राकृतिक खेती से संबंधित जानकारी मिलेगी। यह एप किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभ की जानकारी भी स्थानीय बोली में देगा। किसान एप पर प्राकृतिक खेती के बारे में प्रश्न पूछेंगे तो उन्हें स्थानीय बोली में ही उत्तर मिलेगा।
देश के कृषि विभाग ने लांच किया है अपूर्वा एआई एप
देश में कृषि व बागवानी को तकनीकी तौरपर विकसित करने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जाएगा। अब ड्रोन के माध्यम से खेतों में कीटनाशक का छिड़काव किया जाएगा। यह अपूर्वा एआई एप भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हिस्सा है। कृषि-बागवानी के क्षेत्र में भी एआई की सहायता से पौधों को कब कितनी खाद व पानी की आवश्यकता है, इन सब की जानकारी मिलेगी।