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सहारनपुर: आपने गुड़हल के कई फूलों को देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा गुड़हल देखा है जो मंदिर की घंटी और हाथ में बंधने वाले कलावे की तरह दिखता हो? जी हां, हम बात कर रहे हैं गुड़हल की एक खास किस्म ‘घंटी गुड़हल’ की। इस पौधे के फूल देखने में मंदिर की छोटी-छोटी घंटियों जैसे लगते हैं और उन पर लाल-सिंदूरी रंग की कलावे जैसी धारियां होती हैं। यही वजह है कि इसे स्थानीय भाषा में ‘घंटी गुड़हल’ कहा जाता है। इसका बोटैनिकल नाम है एबूटिलोन पिक्टम।
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यह पौधा मूल रूप से साउथ अमेरिका, खासकर ब्राजील से आता है, लेकिन अब भारत में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। सहारनपुर के ‘प्राकृतिक कुंज’ में यह पौधा आसानी से मिल सकता है, जिसकी कीमत मात्र Rs 100 से Rs 150 तक है।
प्राकृतिक कुंज के आचार्य राजेंद्र अटल के अनुसार, यह एक परमानेंट फूल देने वाला पौधा है, यानी इसमें सालभर फूल खिलते रहते हैं। इसके फूलों को मंदिर में चढ़ाना शुभ माना जाता है और यह पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा भी फैलाता है।
इस पौधे की सुंदरता ऐसी होती है कि इसे देखकर लोग इसकी तस्वीरें खींचने से खुद को रोक नहीं पाते। इसके फूलों का इस्तेमाल कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी किया जाता है। अगर आप अपने घर को सुंदर और सकारात्मक बनाना चाहते हैं तो यह पौधा आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।